Sunday 3 January 2016

सुविचार


कम जोड़ेंगे तो दूसरो के लिए कम छोडेंगे,
अधिक जोड़ेगे तो अधिक छोड़ेंगे |
आवश्यकताअनुसार ही संग्रह हितकर हैं~
कही आप ये तो नहीं सोचते कि आपके कफन में जेबें होगीं..!!!

मैल तन पर भी अशोभनीय ही होता हैं~
और ~
अगर मैल मन तक पहुंच गया तो,
कई तरह के विनाश का कारण बनता हैं.

 मेरा असली दर्द तो सिर्फ....मेरा भगवान जानता हैं
तुमने तो सिर्फ....मेरी नकली मुस्कान देखी हैं

कटु सत्य
भोजन न पचने पर चर्बी बढ़ती है...
पैसा न पचने पर अहंकार बढ़ता है...
और सुख न पचने पर पाप बढ़ता है...!!

"भूख सारी मर्यादाएं तोड़ देती है और पैसा सारी की सारी इंसानियत।"

किस्मत की एक आदत है कि वो पलटती है ,
और जब पलटतीहै तब पलटकर रख देती है।
इसलिये अच्छे दिनों मे अहंकार न करो और खराब समय में थोड़ा सब्र करो......!!

ज़िन्दगी है अमानत हुजुरी रूप आपकी अपने दर पे इसे बस निभा दीजिये
जिस कदम पे भी हमसे कोई भूल हो अपना बालक समझ कर क्षमा कीजिए

 “खुशी केवल उन्हीं लोगों को प्राप्त होती है जो दूसरों को खुश करने में प्रयासरत रहते हैं.”

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