Monday 30 October 2017

रोते क्यों हो?

🔸 तुम उदास क्यों हो? इसलिए कि तुम गरीब हो। तुम्हारे पास रुपया नहीं है।
🔹 इसलिए कि तुम्हारी ख्वाहिशें दिल ही दिल में घुटकर रह जाती हैं।
🔸 इसलिए कि दिली हसरतों को पूरा करने के लिए तुम्हारे पास दौलत नहीं है।
🔹 मगर क्या तुम नहीं देखते कि गुलाब का फूल कैसा मुस्करा रहा है।
  
🔶 हालाँकि उसके पास भी धन नहीं है। वह भी तुम्हारी तरह गरीब है। क्या तुम नहीं देखते कि बाग में बुलबुल कैसी चहचहा रही है। हालाँकि उसके पास भी तुम्हारी तरह एक कौड़ी भी नहीं है।

🔷 तुम क्यों रोते हो?
इसलिए कि तुम दुनिया में अकेले हो, मगर क्या तुम नहीं देखते कि घास का सर सब्ज तिनका मैदान में अकेला खड़ा है लेकिन वह कभी सर्द आहें नहीं भरता-किसी से शिकायत नहीं करता, बल्कि जिस उद्देश्य को पूरा करने के लिए परमात्मा ने उसे पैदा किया है। वह उसी को पूरा करने में लगा है।

🔶 क्या तुम इसलिए रोते हो कि तुम्हारा अजीज बेटा या प्यारी बीबी तुमसे जुदा हो गयी? मगर क्या तुमने इस बात पर भी कभी गौर किया है कि तुम्हारी जिन्दगी का सुतहला हिस्सा वह था जब कि तुम ‘बच्चे’ थे। न तुम्हारे कोई चाँद सा बेटा था और न अप्सराओं को मात करने वाली कोई बीबी ही थी, उस वक्त तुम स्वयं बादशाह थे।

🔷 क्या तुमने नहीं पढ़ा कि बुद्ध देव के जब पुत्र हुआ, तो उन्होंने एक ठंडी साँस ली और कहा- ‘आज एक बंधन और बढ़ गया।’ वे उसी रात अपनी बीबी और बच्चे को छोड़कर जंगल की ओर चल दिये।

🔶 याद रखो जिस चीज के आने पर खुशी होती है, उस चीज के जाने पर तुम्हें जरूर रंज होगा। अगर तुम अपनी ऐसी जिन्दगी बना लो कि न तुमको किसी के आने पर खुशी हो, तो तुमको किसी के जाने पर रंज भी न होगा। यही खुशी हासिल करने की कुँजी है। विद्वानों का कथन है-

🔷 जो मनुष्य अपने आपको सब में और सबको अपने आप में देखता है, उसको न आने की खुशी, न जाने का रंज होता है।

🔶 अगर तुम घास के तिनके की तरह केवल अपना कर्त्तव्य पूरा करते रहो- माने तूफान में हवा के साथ मिलकर झोंके खाओ, माने वक्त मुसीबत भी खुशी से झूमते रहो।

🔷 बरसात के वक्त अपने बाजू फैलाकर आसमान को दुआएं दो। गरीब घसियारे के लिए अपने नाजुक बदन को कलम कराने के लिए तैयार रहो।

🔶 बेजुबान जानवरों को- भूख से तड़पते हुए गरीब पशुओं को अपनी जात से खाना पहुँचाओ तो मैं यकीन दिलाता हूँ कि तुम्हें कभी रंज न होगा कभी तकलीफ न होगी। सुबह उठने पर शबनम (ओंस) तुम्हारा मुँह धुलायेगी। जमीन तुम्हारे लिए खाने का प्रबन्ध कर देगी। तुम हमेशा हरे-भरे रहोगे। जमाना तुम्हें देखकर खुश होगा, बल्कि तुम्हारे न रहने पर या मुरझा जाने पर दुनिया तुम्हारे लिए मातम करेगी।

🔷 वह बेवकूफ है। जो दुनिया और दुनिया की चीजों के लिए रोता है हालाँकि वह जानता है कि इन दोनों में से न मैं किसी चीज को अपने साथ लाया था और न किसी चीज को अपने साथ ले जाऊँगा।