Sunday, 11 October 2015

बात नकारात्मक और सकारात्मक सोच की

बात नकारात्मक और सकारात्मक सोच की आई तो एक बहुत अच्छीबात याद आई"....

जरूर पढ़े और प्रतिकिर्या देंवे ..
"अगर आप रास्ते पे चल रहे हैं..,
और आपको वहां पड़ी हुई दो पत्थर की मुर्तिया मिलें...
(1) भगवान राम की
           और
(2) रावण की..
और आपको एक मूर्ति उठाने का कहा जाए तो अवश्य आप राम की मूर्ति उठा कर घर ले के जाओगे।
क्योंकि राम सत्य, निष्ठा, सकारात्मकता के प्रतिक हैं..
और
रावण नकारात्मक का प्रतीक है।
और..
आप रास्ते पे चल रहे हों, और दो मुर्तिया मिलें
           "राम और रावण" की,
पर अगर "राम की मूर्ति पत्थर" की और "रावण की सोने" की है..
और..
एक मूर्ति उठाने को कहा जाए तो आप राम की मूर्ति छोड़ कर ....
"रावण की सोने की मूर्ति उठाओगे.।"
मतलब...
हम सत्य और असत्य, सकारात्मक और नकारात्मक, अपनी सुविधा और लाभ के अनुसार तय करते हैं..??

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